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Happy Independence Day "देश का विकास हो, एकता बनी रहे"

मेरा शीश नवा दो अपनी चरण-धूल के तल में। देव! डुबा दो अहंकार सब मेरे आँसू-जल में। अपने को गौरव देने को अपमानित करता अपने को, घेर स्वयं को घूम-घूम कर मरता हूं पल-पल में। देव! डुबा दो अहंकार सब मेरे आँसू-जल में। अपने कामों में न करूं मैं आत्म-प्रचार प्रभो; अपनी ही इच्छा मेरे जीवन में पूर्ण करो। मुझको अपनी चरम शांति दो प्राणों में वह परम कांति हो आप खड़े हो मुझे ओट दें हृदय-कमल के दल में। देव! डुबा दो अहंकार सब मेरे आँसू-जल में।